खनऊ।-उत्तर प्रदेश पुलिस को अब फेसबुक और इंस्टाग्राम पर एक्टिव रहना भारी पड़ जाएगा. योगी सरकार ने नई सोशल मीडिया पॉलिसी जारी की है. यूपी में पुलिस वालों पर वीडियो रील बनाने पर रोक लगाई गई है. इस पॉलिसी में कहा गया है कि सरकारी कार्य में पुलिस वाले सोशल मीडिया का इस्तेमाल न करें. पुलिस वालों के सोशल मीडिया के व्यक्तिगत इस्तेमाल पर रोक लगाई गई है. इसमें कहा गया है कि पुलिस कर्मी किसी की पोस्ट पर टिप्पणी कर ट्रोलिंग ना करें. पुलिस कर्मी खुद की वाहवाही के वीडियो बनाने पर भी रोक लगाई गई है. पुलिस कर्मी अब जन शिकायतों का लाइव प्रसारण भी नहीं कर सकते हैं.
यूपी के डीजीपी डीएस चौहान की मंजूरी के बाद योगी आदित्यनाथ सरकार की ओर से इस संबंध में आदेश जारी हुआ है. सोशल मीडिया पॉलिसी में कहा गया कि पुलिस वाले कोई भी विवादित ग्रुप नहीं ज्वॉइन कर सकते हैं. सोशल मीडिया में प्रोफेशनल डीपी ही इस्तेमाल कर सकते हैं. पॉलिसी में कहा गया कि सोशल मीडिया केवल शासकीय हित में ही इस्तेमाल करें. साथ ही कहा गया कि सोशल मीडिया में किसी पीड़ित का चेहरा या शिनाख्त नहीं दे सकते हैं.
सोशल मीडिया में न करें असलहों का प्रदर्शन
वीडियो रील बनाने वाले पुलिस कर्मियों के लिए ये गाइडलाइन बड़ा झटका हैं. सोशल मीडिया पर फोटोबाजी करने पर भी रोक लगी है. वरिष्ठ अफसर या सहकर्मी पर भी पुलिसवाले कमेंट नहीं कर सकते हैं. जारी हुई गाइडलाइन में बताया गया कि पुलिस कर्मी सोशल मीडिया पर फॉलोबैक में सावधानी बरतें. पुलिस कर्मी असलहों का प्रदर्शन भी नहीं कर सकते हैं. बिना सत्यापित कोई भी सूचना फॉरवर्ड नहीं कर सकते हैं.
सोशल मीडिया यूज करने को लेकर योगी सरकार ने पुलिसवालों पर सख्ती दिखाई है. इसमें कहा गया है कि कोचिंग, लेक्चर, लाइव टेलीकास्ट, चैट, वेबीनार आदि में बतौर गेस्ट बुलाए जाने या उसमें भाग लेने से पहले यूपी पुलिस के कर्मियों को अब सीनियर अधिकारी से अनुमति लेनी होगी. सोशल मीडिया पॉलिसी के तहत इस पूरी प्रक्रिया को अनिवार्य किया जा सकेगा