कोर्ट/क़ानून
प्रयागराज. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की 2015 की ग्राम पंचायत अधिकारी भर्ती में रिक्त बचे पदों को भरने के करुणेश कुमार केस में दिए गए निर्णय के अनुसार कार्रवाई पूरी करने का निर्देश दिया है. जस्टिस एमसी त्रिपाठी ने जौनपुर के संतोष कुमार त्रिपाठी व अन्य की याचिका को निस्तारित करते हुए दिया है. याचिकाकर्ता के वकील मुजीब अहमद सिद्दीकी का कहना था कि उप्र अधीनस्थ सेवा चयन आयोग लखनऊ ने 2015 में 3587 ग्राम पंचायत अधिकारियों की भर्ती का विज्ञापन जारी किया था.लिखित परीक्षा के आधार पर पुनरीक्षित परिणाम के बाद अभ्यर्थियों के इंटरव्यू लिए गए. परिणाम आने के बाद काफी चयनित अभयर्थियों ने कार्यभार नहीं लिया था. जिससे पद रिक्त रह गए थे. उच्च न्यायालय में पिटीशन डाली गयी गई. लेकिन एकल पीठ से राहत नहीं मिली थी. जिसके आर्डर के विरुद्ध विशेष अपील को स्वीकारते हुए उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार एवं आयोग को अभ्यर्थियों की नियुक्ति पर विचार कर निर्णय लेने का निर्देश जारी किया था और कहा कि नियुक्ति प्रक्रिया 21 दिसंबर 2018 तक पूर्ण कर ली जाये.इस आर्डर के विरुद्ध प्रदेश सरकार ने पुनर्विचार याचिका दाखिल की थी. जिसे न्यायालय ने 30 अक्टूबर 2019 को खारिज कर दिया. इसके बाद भी अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र नहीं जारी किया जा रहा है.