देवरिया-आज ग्राम सभा कौसड़ में एक बहुत ही अप्रत्याशित घटना हुई जिस पर विश्वास करना सहसा सहज नहीं है क्योंकि इस ग्राम सभा के आधे से अधिक 8 सदस्यों ने एक साथ सामूहिक इस्तीफा देने का निर्णय किया है।कारण पूछे जाने पर ये सदस्य बताते हैं कि साढ़े चार साल बीत जाने के बाद भी हमारे बीच ग्राम प्रधान/प्रतिनिधि द्वारा एक भी मीटिंग नहीं बुलाई गई और ना ही कोई रजिस्टर पर हस्ताक्षर कराया गया और तो और हमारे वार्ड में काम तक नहीं कराया गया और यदि छिटफुट कराया गया तो हमारी राय तक नहीं ली गई।
कुल मिलाकर ये घटना तानाशाही रवैए और घोर विरोधी प्रतीत होती है जिसमें ग्राम प्रधान और अधिकारियों द्वारा मनमाने ढंग से सरकारी खजाने का दुरुपयोग और बंदरबांट किया गया है।अब ये जांच का विषय बन गया है कि आखिर एक साथ इतनी बड़ी संख्या क्यों इतने सदस्य असंतुष्ट होकर इस्तीफा दिए।अब तो जांच के बाद ये आने वाला वक्त ही बताएगा कि इसमें कितनी सच्चाई है। तभी यह दूध का दूध और पानी का पानी होना। कुल मिलाकर यह एक स्वस्थ लोकतंत्र के लिए शुभ संकेत नहीं है। सरकार को गांवों पर विशेष ध्यान देकर समय समय पर उचित मांनिटरिंग करवाते रहना चाहिए।