बिहार/शीवहर-बेटियां सिर्फ खाना पकाने व चौका चूल्हा तक सीमित रहने के लिए नहीं हैं। आज बेटियां अपने कर्म के बदौलत ऊँचाई छू रही है। चाहे वह पढ़ाई-लिखाई की बात हो या फिर खेल-कूद की। देश की रक्षा व अन्य क्षेत्रों में भी यह सफल हो रही है। आज हम आपको जिला - शिवहर की रहने वाली ज्योति कुमारी ने बारे में बताएंगे जो अपने पहले प्रयास में ही दरोगा की परीक्षा में सफलता प्राप्त कर दरोगा बन गई है। आइये जानते है उनके बारे में।
ज्योति जिला शिवहर के नयागांव भोड़हाँ गांव की रहने वाली है। पूर्व में ज्योति का चयन फोरेस्टर(वन दारोगा) पद भी हो चुका है। उन्होंने प्रथम प्रयास में ही दरोगा के परीक्षा में सफलता हासिल की है। जैसे ही उनका परिणाम आया वैसे ही ज्योति के शुभचिंतक उन्हें बधाई देना शुरू कर दिए।
ज्योति की प्रारंभिक शिक्षा जवाहर नवोदय विद्यालय, शिवहर से हुई। यही से उन्होंने बारहवीं तक की पढाई की। फिर दिल्ली विश्वविद्यालय से उन्होंने स्नातक केमिस्ट्री विषय से किया। 2019 में उनकी शादी तिलकताजपुर (सीतामढ़ी) में हुआ। फिर भी ज्योति ने अपना पढाई जारी रखा। ज्योति के पिता जी श्री सुरेन्द्र शर्मा जी श्री सत्य साई प्रेप स्कूल, डुमरा (सीतामढ़ी) के निदेशक हैं। उनकी माता ममता शर्मा जी का सपना था कि उनकी बेटी दरोगा बने। उन्होंने पढ़ाई में ज्योति का पूरा ध्यान रखा। ज्योति ने भी अपने माता-पिता के सपनों को पूरा किया ।
ज्योति ने अपनी पढ़ाई शादी के बाद भी जारी रखी थी। उनके पढ़ाई में उनके पति इंजीनियर उत्कर्ष सिंह कभी बाधक नही बने। वो निरंतर ज्योति का साहस बढ़ाते रहे। ज्योति घर पर ही रह कर तैयारी की और सफलता हासिल की। आगे अब ज्योति बीपीएससी में जाना चाहती है। वो अधिकारी बन के बिहार का सेवा करना चाहती हैं।
ज्योति से तमाम महिलाओं को प्रेरणा लेने की जरूरत है। जो महिलाएं शादी के बाद सोच लेती है कि उनका जीवन अब यही तक था ,जो कि बिल्कुल गलत है। सभी महिलाओं को ज्योति की तरह मेहनत करके,अपने हौसलें को बुलंद रखकर वो किसी भी परीक्षा में सफलता हासिल कर सकती है। ज्योति आज लोगों के लिए प्रेरणा हैं।