मथुरा. 1 जनवरी को मथुरा के यमुना एक्सप्रेसवे पर बुलियन व्यापारी समेत कार में बंद 3 लोगों की लाशें मिलने का मामला नया मोड़ ले रहा है. उत्तर प्रदेश पुलिस इस पूरे मामले को कार से बरामद एक पत्र के आधार बनाकर इसे आत्महत्या मान रही थी. तो दूसरी ओर परिजन इसे हत्या का मामला मान रहें हैं. परिजनों ने बताया कि कारोबारी नीरज अग्रवाल पर इससे पहले भी कई बार हमला हुआ था. जिसकी शिकायत कारोबारी ने कई बार पुलिस से की थी. बताया ये जाता है कि आरोपियों के रसूख के चलते कोई कार्रवाई नहीं हुई थी.
परिजनों ने दर्ज़ कराया केस
नीरज अग्रवाल के परिवारीजनों ने बताया कि कारोबारी का आशीष अरोड़ा, मनीष और नीरज कुमार से काफी दिनों से झगड़ा चल रहा था. इसलिए इन लोगों ने ही कारोबारी की हत्या कर दी. परिजनों ने आशीष अरोड़ा, मनीष और नीरज कुमार के खिलाफ हत्या करने का केस दर्ज़ करा दिया है. कारोबारी के परिजनों ने कहा कि पुलिस द्वारा मामले को आत्महत्या कह देना मामले को दबा देने जैसा है. पुलिस को कार से कोई सुसाइड नोट नहीं बल्कि एक पत्र मिला है जिसमें उसके उत्पीड़न की बात कही गयी है. जिसको पुलिस ने कब्जे में लेकर फोरेंसिक जांच के लिए भेज दिया है.