मुम्बई :-यस बैंक मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने शुक्रवार रात को मुंबई के वर्ली स्थित राणा के आवास की तलाशी ली थी। उनकी पत्नी बिंदु से भी घंटों सवाल-जवाब हुए। तीन बेटियों समेत कई अन्य करीबियों के घर भी छापेमारी के बाद पूछताछ हुई। खबरों के मुताबिक, ईडी को पता चला है कि यस बैंक से भारी ऋण के बदले डीएचएफएल ने राणा के परिवार की ही एक कंपनी को 600 करोड़ का ऋण दिया।
ईडी राणा कपूर से के परिवार से ताल्लुकात रखने वाली कुछ अन्य कंपनियों के बीच हुए हजारों करोड़ रुपये के लेनदेन की भी जांच कर रहा है। धनशोधन के मामले में राणा कपूर को शनिवार दोपहर में बालार्ड एस्टेट स्थित एजेंसी के कार्यालय में लाया गया था। उनसे यस बैंक द्वारा बड़ी कंपनियों को दिए गए जोखिम ऋण के बारे में पूछताछ हुई।
बता दे की यस बैंक ने वोडाफोन, डीएचएफएल, एस्सेल और अनिल अंबानी समूह की संकटग्रस्त कंपनियों को कर्ज दिए। ईडी अधिकारियों के मुताबिक, कपूर के खिलाफ मामला घोटाले से प्रभावित डीएचएफएल से जुड़ा हुआ है, क्योंकि बैंक द्वारा कंपनी को दिया गया कर्ज एनपीए घोषित कर दिया गया है। राणा कपूर के खिलाफ धन शोधन रोकथाम अधिनियम के तहत कार्रवाई की जा रही है। जांच एजेंसी कुछ कॉरपोरेट संस्थाओं को दिए गए ऋण और कथित तौर पर रिश्वत के रूप में कुछ धनराशि कपूर की पत्नी के खातों में जमा किए जाने के संबंध में राणा की भूमिका की जांच भी कर रही है।
ईडी के अधिकारियों ने कहा कि अन्य कथित अनियमितताएं भी जांच के दायरे में हैं। इसमें एक मामला उत्तर प्रदेश बिजली निगम में कथित पीएफ धोखाधड़ी से संबंधित है। सीबीआई ने हाल में उत्तर प्रदेश में 2,267 करोड़ रुपये के कर्मचारी भविष्य निधि घोटाले की जांच शुरू की है, जहां बिजली क्षेत्र के कर्मचारियों की मेहनत की कमाई को डीएचएफएल में निवेश किया गया।