हरदोई. उत्तर प्रदेश के जनपद हरदोई से डॉक्टरों की लापरवाही का एक अलग किस्म का मामला प्रकाश में आया है. जहांपर सीएचसी पर जांच कराने गयी 3 महीने की गर्भवती महिला की डॉक्टरों ने नसबंदी कर दी. नसबंदी होने की बात महिला को तब पता चली जब उसने अपनी अल्ट्रासॉउन्ड की जांच प्राइवेट हॉस्पिटल में कराई. इसके बाद महिला के पति ने मुख्यमंत्री पोर्टल पर बाकायदा मामले की शिकायत करते हुए मुआवजे की मांग की है.
आरोप सही पाए गए तो दोषियों पर कार्रवाई
बता दे कि बीते 23 दिसंबर को महिला की नसबंदी सीएचसी के डॉक्टर ने की थी. महिला ने बताया कि वह गर्भवती थी फिर भी सीएचसी के डॉक्टरों ने अपना टारगेट पूरा करने के उसकी नसबंदी कर दी. जिसकी जानकारी उसे अल्ट्रासॉउन्ड की जांच कराने के बाद हुई. उधर कछौना ब्लॉक की रहने वाली महिला करने पर सीएमओ डॉ सुरेंद्र कुमार रावत ने कहा कि हमारे यहाँ सीएचसी पर पहले महिला से जुडी जानकारियां जुटाई जाती है. यदि कोई स्त्री गर्भवती होती है तो उसकी नसबंदी नहीं की जाती है. उन्होंने कार्रवाई कि बात कहते हुए कहा कि यदि महिला द्वारा लगाए आरोप सही पाए गए तो मामले से जुड़े दोषियों को बिल्कुल भी नहीं बक्शा जायेगा.