फतेहपुर. उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले में एक दलित किशोरी को अगवा कर गैंगरेप किए जाने के मामले में पुलिस ने दो महिलाओं समेत चार लोगों के खिलाफ मुकदमा तो दर्ज कर लिया था. पर मामले के लगभग एक साल बीतने के बाद भी किसी आरोपी की गिरफ्तारी नहीं की जा सकी है. वही सूबे की पुलिस का यह आलम है कि उसने पीड़िता का मुकदमा भी लिखना उचित नहीं समझा. और काफी दिनों तक उसको टरकाते रहे. वहीं आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए पीड़िता आला से लगातार गुहार लगा रही है.
परिवार का खर्च उठाने के लिए की नर्सिंग होम में नौकरी
सदर थाना क्षेत्र की रहने वाली दलित पीड़िता अपने परिवार का खर्च उठाने के लिए शहर के एक नर्सिंग होम में काम करती थी. जिसे उसी नर्सिंग होम में काम करने वाली दो अन्य महिलाओं ने एक शादी के कार्यक्रम में चलने के लिए कहा और फिर उसे अगवा करके चित्रकूट ले गयी. जहाँ पर उसके साथ दुष्कर्म किया गया. दलित किशोरी ने आरोप लगाया कि चित्रकूट से उसे दिल्ली ले जाकर बेच दिया गया. जहां रोज उसका यौन उत्पीड़न किया जाता था. किसी तरह किशोरी अपनी जान बचाकर वह से भाग आयी. जिसके बाद उसने पुलिस में मामला दर्ज़ करने की सोची पर पुलिस एफआईआर लिखने को लेकर आनाकानी करती रही. तब जाकर पीड़िता ने एसपी से मिलकर आरोपियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज़ कराई. लेकिन उसके बाद भी आरोपी आज तक बेख़ौफ़ होकर घूम रहे हैं. और पीड़ित किशोरी पर सुलह समझौता करने का दवाब भी डाल रहे हैं.