हमीरपुर: प्रधान और शिक्षा विभाग के आपसी विवाद के चलते मिड डे मील की योजना पर पानी फिरता नजर आ रहा है.जिसका लाभ स्कूल में पढ़ रहे बच्चे नहीं उठा पा रहे है. लगभग दो महीने से बच्चे अपने घरों से भोजन बनवाकर स्कूल ले जा रहे है. वहीँ इस मामले में शिक्षा विभाग के अधिकारी भी कोई दिलचस्पी दिखाते नजर नहीं आ रहे. अब लगता है की मिड डे मील योजना सियासत और कमीशन के बीच फास चूका है. जिसकी भरपाई बच्चों को चुकानी पढ़ रही है.
प्रधान और अध्यापकों के बीच विवाद
हमीरपुर मौदहा ब्लाक के करहिया गांव स्थित कन्या पूर्व माध्यमिक विद्यालय में जहां प्रधान और अध्यापकों के बीच आपसी विवाद के चलते दो महीने से मिड डे मील में भोजन नहीं बन रहा है जिसकी वजह से स्कूली बच्चे अपने-अपने घरों से भोजन लाकर स्कूल में खाते हैं. इस योजना में प्रधान और अध्यापकों की सहमति से चलने नीति बनाई गई थी, लेकिन आपसी विवाद और सियासत के चलते यह योजना असफल होती दिख रही है.
बच्चों के खाने के साथ खिलवाड़
जहाँ मिड डे मील योजना में बच्चों के खाने के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है. वहीँ जिले के और भी स्कूलों में इसी तरह से प्रधान और अध्यापकों के बीच अनबन के कारण योजना का लाभ बच्चों को नहीं मिल पा रहा है.
बेसिक शिक्षा अधिकारी के पास पंहुचा मामला
यह मामला जब बेसिक शिक्षा अधिकारी के पास पंहुचा तो उन्होंने कागजी कार्यवाई पूरी करते हुए जांच शुरू करवा दी है. BSA सतीश कुमार ने बताया कि इस मामले की शिकायत मिली है. स्कूल हेडमास्टर ने बताया है कि कनवर्जन रेट में ग्राम प्रधान हस्ताक्षर करने से माना कर रहे है. जिसकी जानकारी DPRO तक पंहुचा दी गई है और साथ ही शिक्षा अधिकारी को तुरंत मिड डे मील बनवाने के निर्देश दिया गया है.