जयपुर. सोमवार को अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने चंद्रयान-2 के विक्रम लैंडर के मलबे के मिलने की पुष्टि की थी. नासा ने मलबे को ढूढ़ने में मदद करने वाले चेन्नई के कंप्यूटर प्रोग्रामर और मैकेनिकल इंजीनियर शनमुग सुब्रमण्यम को अपनी वेबसाइट पर बाकायदा श्रेय दिया था. और अपने आर्बिटर लूनर की मदद से विक्रम लैंडर को खोज लेने का भी दावा किया था.
के. सिवन कहीं ये बातें
विक्रम लैंडर की जानकारी देते हुए इसरो प्रमुख के सिवन ने कहा की हमने पहले ही चंद्रयान-2 के विक्रम लैंडर के मलबे का पता लगा लिया था. जिसकी घोषणा बाकायदा इसरो के पेज पर कर रखी है. आप वेबसाइट पर जाकर भी इस इस बारे में पता लगा सकते है. जिसमे इसरो ने लिखा था कि विक्रम लैंडर का पता लग गया है, लेकिन उससे संपर्क नहीं किया जा सका है. लेकिन कोशिशें अभी भी जारी हैं.
नासा ने जारी की थीं तस्वीरें
अमेरिकी स्पेस एजेंसी ने 26 सितम्बर को कुछ तस्वीरें जारी करते हुए, लोगो से एक अपील की थी कि, चाँद की सतह पर चंद्रयान-2 के विक्रम लैंडर के क्रैश होने के बाद और पहले की स्थिति में हुए बदलाव की तुलना करने को कहा था. जिससे विक्रम लैंडर का पता लगाया जा सके. जिस पर शनमुग सुब्रमण्यम ने चांद की सतह पर मलबे की पहचान करने के बाद नासा के एलआरओ प्रोजेक्ट से संपर्क किया था. शनमुग सुब्रमण्यम के विश्लेषण के आधार पर ही नासा ने विक्रम लैंडर को खोज निकला. इस मदद के लिए नासा ने चेन्नई के कंप्यूटर प्रोग्रामर और मैकेनिकल इंजीनियर शनमुग सुब्रमण्यम को भी श्रेय दिया है.