उत्तर प्रदेश:अयोध्या राम नगरी में Coronavirus पर आस्था भारी पड़ने वाला हैं है। इस साल दो अप्रैल को देशभर में रामनवमी बड़ी धूम धाम से मनाई जाएगी। इस मौके पर भगवान राम की जन्मभूमि अयोध्या में खास धार्मिक अनुष्ठान का आयोजन किया जायेगा। उसी मौके पर 28 साल बाद रामलला टेंट से निकलकर बुलेटप्रूफ अस्थाई मंदिर में विराजेंगे। उत्तर प्रदेश के मुख्य मंत्री ने स्वयं रामलला की आरती के लिए पहुंचेंगे। रामनवमी के शुभ अवसर पर देश भर से करीब 10 लाखश्रद्धालुओं का अयोध्या पहुंचने की संभावना है। इसलिए प्रशासन ने रामलला के दर्शन की अवधि में दो घंटे बढ़ोत्तरी की है।
बता दे की हर साल की तरह इस साल रामनवमी मेला 25 मार्च से शुरू हो रहा है। इस पर्व को देखते हुए रामलला के दर्शन अवधि में 2 घंटे की बढ़ोतरी की गई है। अब श्रद्धालु सुबह 7 बजे से दोपहर 12 बजे तक और दोपहर में एक बजे से शाम छह बजे तक कर रामलला का दर्शन कर सकेंगे। यह व्यवस्था 31 मार्च से 2 अप्रैल तक लागू रहेगी। बताया जा रहा है कि, 31 मार्च से अयोध्या में श्रद्धालुओं की भीड़ बढ़ जाएगी। इससे पहले सुबह 7 बजे से 11 बजे तक व एक बजे से से पांच बजे तक रामलला के दर्शन की अनुमति है।भगवान राम के जन्मभूमि विवाद में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद यह पहली रामनवमी है। इस दिन भगवान राम का जन्म हुआ था। ऐसेमें लाखों श्रद्धालु रामनवमी पर्व में शामिल होंगे। लेकिन कोरोनावायरस के बढ़ते खतरे को देखते हुए रामनवमी पर भक्तों की अयोध्या मेंसंख्या कैसे कम किया जाए, इसको लेकर प्रशासन व सरकार चिंतित है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को लखनऊ में ऐसेसंकेत दिए कि रामनवमी पर्व का लाइव प्रसारण भी किया जा सकता है। इससे लोग अपने घरों से रामलला के दर्शन कर सकेंगे।