इंदौर. नागरिकता संशोधित कानून के खिलाफ देश के अलग- अलग हिस्सों में चल रहे भारी विरोध को गलत बताते हुए भाजपा नेत्री व पूर्व लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन ने 24 जनवरी शुक्रवार को कहा कि जगह- जगह धरने देकर इस कानून को वापस नहीं कराया जा सकता है. जबकि ये कानून संसद के दोनों सदनों से पारित हो चुका है.
न्यायालय का दरवाज़ा खुला है
सुमित्रा महाजन ने बीजेपी द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में कहा नागरिकता संशोधित कानून के विरोध में हो रहें धरना-प्रदर्शन बिलकुल गलत हैं. इस तरह से सड़को पर बैठकर किसी कानून को रद्द नहीं कराया जा सकता है. उन्होंने आगे कहा कि, यदि नागरिकता कानून का विरोध करने वालो को लगता है कि ये कानून गलत है तो वो इसके खिलाफ शीर्ष न्यायालय का दरवाज़ा खटखटा सकतें हैं. और सुप्रीम कोर्ट इस पर जो भी निर्णय देगा वो सबको मान्य होगा.
राज्य सरकार मना नहीं कर सकती
उन्होंने विपक्षी पार्टियों के नेताओं के बारे में कहा कि, नेताओ द्वारा नागरिकता संशोधन कानून के बारे में आमजनों गलत जानकारी मुहैया कराकर उनको गुमराह करना सरासर गलत है. सुमित्रा महाजन ने आगे कहा कि जिस सरकार को देश की जनता ने रिकॉर्ड वोटो से जीतकर सत्ता सौंपी इस कानून को उसी सरकार ने बनाया है. ऐसे में सीएए का विरोध करने का कोई तुक नहीं बनता है. और जो राज्य सरकारें ये कह रही है कि वे अपने राज्य में इस कानून को नहीं लागू करेंगीं इस बात का उनको संविधान इज़ाज़त नहीं देता है.
महिला अधिकारियो को दी नसीहत
पूर्व लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन ने नागरिकता संशोधन कानून के समर्थन में राजगढ़ जिले में आयोजित रैली के दौरान जिलाधिकारी निधि निवेदिता व अन्य दो महिला प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा बीजेपी कार्यकर्ताओं को थप्पड़ मारने की घटना को उन्होंने दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि देश की नारियां सेना में भर्ती होकर दुश्मनों से लोहा ले रहीं हैं. ये सही है लेकिन उनको हर समय झाँसी की रानी नहीं बनना चाहिए.