मैनपुरी. नवोदय विद्यालय की छात्रा अनुष्का पांडेय की संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत के मामले में कई अन्य तरीके की लापरवाहियां सामने आ रही है. आगरा विधि विज्ञानं प्रयोगशाला की रिपोर्ट के अनुसार मौत से पहले उसके साथ रेप हुआ था. विधि विज्ञान प्रयोगशाला के वैज्ञानिकों को स्लाइड में मेल स्पर्म मिले थे. लैब ने 15 नवंबर को ही इसकी रिपोर्ट मैनपुरी पुलिस को दे दी थी. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक लैब ने 15 नवम्बर को ही फोरेंसिक जांच की रिपोर्ट पुलिस को दे दी थी. लेकिन पुलिस प्रयोगशाला से आयी रिपोर्ट को अब तक दबा कर बैठी थी.
डीएम एसपी पर गिरी गाज
हत्याकांड की जांच को लेकर लापरवाही बरत रहे प्रशासन के आला अधिकारी सरकार के निशाने पर हैं. सूबे के मुख्यमंत्री ने स्वयं मामले का संज्ञान लेते हुए सबसे पहले एसएसपी अजय राय को हटाने के बाद. जिले के डीएम प्रमोद कुमार उपाध्याय को भी हटा दिया. इन दोनो अधिकारियों पर केस से संबधित महत्वपूर्ण साक्ष्य छुपाने का आरोप लगा है. पीड़िता के परिजन वारदात के बाद से ही रेप की आशंका जता रहे थे. लेकिन अधिकारियों के ढुलमुल रवैये के कारण जाँच शिथिल हो गयी थी. वहीँ तत्कालीन एसपी अजय राय तो इसे आत्महत्या का मामला बता रहे थे. जिसके बाद उनको हटाकर उनके खिलाफ विभागीय जांच के आदेश दिए गए थे. सियासी गलियारों से से उठी आवाजों का सीएम योगी ने संज्ञान लेते हुए केस से संबधित सभी अधिकारियों को निशाने पर लेकर कार्रवाई शुरू कर दी है
डॉक्टर भी सवालों के घेरे में
अनुष्का की मौत के बाद जो पुलिस ने पंचनामा किया था उसमे उसके शरीर पर चोटों के निशान पाए गए थे. लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट चोटों के निशानो को नहीं दिखाया गया था. इसका क्या मतलब निकला जाये कि क्या पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टर भी इस मामले में शामिल थे. यदि डॉक्टर्स भी शामिल थे तो उनपर क्या कार्रवाई की जाएगी। आगरा की लैब की जांच की रिपोर्ट में छात्र के साथ हुए रेप की पुष्टि गयी थी. लेकिन पुलिस ने काफी दिनों तक लैब की रिपोर्ट को छुपाये रखा.
फोरेंसिंक रिपोर्ट से आया सच सामने
मैनपुरी की छात्रा से दुष्कर्म होने की पुष्टि आगरा विधि विज्ञान प्रयोगशाला की जांच में हुई. लैब ने 15 नवंबर को ही इसकी रिपोर्ट मैनपुरी पुलिस को दे दी थी. मगर जांच के अनुसार आगे की कार्रवाई करने के बजाय पुलिस मामले को दबाने में जुटी रही. बता दे की जांच में वैज्ञानिकों को स्लाइड में मेल स्पर्म मिले थे. इसकी जानकारी एसआईटी की अध्यक्षता कर रहे आईजी कानपुर मोहित अग्रवाल ने पूरे मामले की जानकारी पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह को दी.